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हरियाणा कृषि बजट की अहम घोषणाएं, किसानों की होगी अच्छी आय

हरियाणा कृषि बजट की अहम घोषणाएं, किसानों की होगी अच्छी आय

केंद्र सरकार ने अपने वित्त वर्ष साल 2023 से 2024 के लिए 1 फरवरी को नया बजट पेश किया था. जिसके बाद देश के अन्य राज्यों की सरकारें भी नये साल के बजट के साथ अपने मास्टर प्लान बताने लगी है. जिसमें उत्तर प्रदेश के साथ साथ राजस्थान और हरियाणा का बजट भी शामिल है. जहां हरियाणा की बात की जाए, तो राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी हरियाणा का नया बजट गुरुवार को पेश कर चुके हैं. वित्त वर्ष साल 2023  से 2024 के लिए पशुपालन के साथ कृषि, बागवानी, सहकारिता और बागवानी मुख्य बिंदु रहे. इन सभी क्षेत्रों के लिए सरकार की तरफ से 8 हजार 316 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्ताव रखा गया. हालांकि यह प्रस्ताव पीछले साल के बजट से लगभग 19 फीसद ज्यादा है. ऐसे में वित्त वर्ष 2023 से 2024 के लिए राज्य सरकार ने किसी तरह की कोई भी नई योजना का ऐलान नहीं किया है. ये भी पढ़ें: यूपी के बजट में किसानों पर दिया गया है ख़ास ध्यान; जानें क्या है नई घोषणाएं इन सबके बीच किसानों के हित के बारे में सोचते हुए सरकार ने पहले से चली आ रही योजनाओं में कुछ खास बदलाव करते हुए राहत अनुदान पैकेज में बढ़ोतरी कर दी गयी है.

जानिए क्या हैं कृषि बजट की महत्वपूर्ण योजनाएं

  • हरियाण में भूजल संकट गहराता जा रहा है. जिसे ध्यान में रखते हुए खरीफ सीजन में धान की सीधी बिजाई का प्रस्ताव सामने रखा है.
  • इस साल राज्य में लगभग दो लाख हेक्टेयर के हिसाब से रकबा धान की सीधी बिजाई का मास्टर प्लान है.
  • ढेंचा खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • ढेंचा खेती के लिए लगने वाली लागत सरकार ने प्रति एकड़ के हिसाब से 720 रुपये रखी है. जिसके तहत किसानों को लगभग 80 फीसद का अनुदान दिया जाएगा.
  • हरियाणा में गर्मीं के सीजन में मूंग का उत्पादन बढ़ाने का भी प्लान है.
  • मूंग के अच्छे उत्पादन के लिए करीब एक लाख एकड़ से ज्यादा जगह को कवरेज किया जाएगा.
  • ड्रोन तकनीक के जरिये खेती किसानी से जुड़े काम को आसान बनाने में मदद दिलाई जाएगी.
  • 500 युवा किसानों को ड्रोन चालने की ट्रेनिंग का भी प्रस्ताव रखा गया है.
  • लगभग 50 हजार एकड़ जमीन को कृषि योग्य बनाया जाएगा.
  • अच्छी गुणवत्ता वाले शहद का उत्पादन बढ़ाने के लिए हनी क्वालिटी लैब की स्थापना की जाएगी.
  • शहद व्यापार में नीति भी लागू की जाएगी.
  • पंचकूला, पिनगवां, नूह, झज्जर और मणिपुर में बागवानी फसलों के लिए तीन सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
  • पराली खरीद के लिए 1 हजार रुपये देने का प्रस्ताव दिया गया है.
  • पराली जलाने से जुड़ी समस्या को निपटाने के लिए चयनित एजेंसियों को खर्चों के लिए 15 सौ रुपये प्रति टन के हिसाब से दिया जाएगा.

नेचुरल फार्मिंग की ओर ज्यादा ध्यान

कृषि में लगने वाली लागत को कम करने के लिए नेचुरल फार्मिंग की तरफ ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, गाय पालन से लेकर कम बजट में अच्छी फसलों का उत्पादन करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी तरफ पर हरियाणा की सर्कन ने भी अपने इस नये बजट में 20 हजार एकड़ रकबे को नेचुरल फार्मिंग के लिए निर्धारित किया है. बता दें सरकार के इस कदम से कृषि विशेषज्ञों को मदद मिलेगी. इसके अलावा जींद और सिरसा जिले में कुल तीन नेचुरल फार्मिंग से जुड़े ट्रेनिंग सेंटर भी खोले जाएंगे.

पशु पालन के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं

हरियाणा को दूध के उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. किसान अपनी किसानी के साथ पशु पालन का भी काम करते हैं. हालांकि पशु पालन के विकास को लेकर सरकार पहले से ही कई तरह की योजनाएं चला रही है. लेकिन वित्त वर्ष 2023 से 2024 में इस सेक्टर में विकास के लिए हरियाणा पशुधन उत्थान की भी शुरुआत करने का प्लान है.
  • पशुधन की स्वास्थ्य से जुड़ी सुरक्षा के लिए 70 नई मोबाइल पशु चिकित्सा युनिट की शुरुआत की जाएगी.
  • राज्य के कई हिस्सों में पशु चिकित्सा पालीटेक्निक की भी स्थापना की जाएगी.
  • दो हाईटेक वेटनरी पेट क्लिनिक फरीदाबाद और गुरुग्राम में शुरू किया जाएगा.
  • हरियाणा गौ सेवा आयोग ने 4 सौ करोड़ का बजट आवारा पशुओँ की सुरक्षा के लिए देने का ऐलान किया है. यह बजट पहले सिर 40 करोड़ रुपये ही था.
  • ग्राम पंचायतों की सहमती के बाद नई गौशालाओं की स्थापना की जाएगी.

नहीं झेलनी पड़ेगी पानी की किल्लत

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि, सरकार ने पिछले कुछ सालों में सूक्ष्म सिंचाई की तरफ खास ध्यान दिया है. जिससे भूजल को संरक्षित करने में काफी मदद मिली है. जिसके बाद इसी कड़ी में बजट 2023 से 2024 के लिए सरकार उन गांवों में एक हजार पोजोमीटर की स्थापना करवाएगी जहां पानी की किल्लत है. इस योजना को नाम अटल भूजन योजना रखा गया है. हरियाणा सरकार का इस साल करीब ढ़ाई लाख एकड़ कृषि क्षेत्रफल को सूक्ष्म सिंचाई से जोड़ेगी. जिसके लिए 4 हजार ऑन फार्म वाटर टैंक का निर्माण किया जाएगा. बात गन्ने के उत्पान को बढ़ाने की करें तो उसके लिए भी सरकार के पिटारे से काफी कुछ निकला है. जहां राज्य में 2 लाख एकड़ पर जल संचय के लिए कई तरह के ढांचों की स्थापना करवाई जाएगी.
सिंचाई की नहीं होगी समस्या, सरकार की इस पहल से किसानों की मुश्किल होगी आसान

सिंचाई की नहीं होगी समस्या, सरकार की इस पहल से किसानों की मुश्किल होगी आसान

खेती किसानी के साथ साथ अच्छी पैदावार के लिए अच्छी और ज्यादा सिंचाई की जरूरत होती है. सिंचाई के आभाव में फसलें समय से पहले डीएम तोड़ने लगती हैं, और किसान के सामने मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं. 

लेकिन अब किसानों को सिंचाई से जुड़ी कोई समस्या नहीं होगी. क्योंकि हरियाणा की सरकार अपनी खास योजना के तहत नई पहल की शुरुआत की है. 

किसानों की इसी समस्या का हल निकालने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्चुअली तरीके से जल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों से संवाद किया. 

जिसनें उन्होंने सिंचाई से जुड़ी किसानों की बड़ी समस्या का समाधान निकाल दिया. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रति बूंद अधिक फसल योजना की शुरुआत की है. 

जिसके तर्ज पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि, खेती में पानी को प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करने के लिए इस इस योजना को शुरू किया गया है. 

ताकि सूक्ष्म सिंचाई से राज्य में फलों के साथ साथ सब्जियों के उत्पादन में लगभग 52 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा उन्होंने एक बयान को जारी करते हुए कहा कि, जल को संरक्षण करने और उसका किफायती तरीके से इस्तेमाल के लिए सूक्ष्म सिंचाई और कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण पहले से ही कई योजनाएं चला रहा है. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि, देश के प्रधानमंत्री ने हर बूंद अधिक फसल की योजना शुरू की है. जिसके तहत सूक्ष्म सिंचाई यानि की ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली के जरिये खेत स्तर पर पानी की जरूरत को बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. वहीं उन्नत और अच्छी खेती के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली काफी उपयोगी है. 

इसकी मदद से पानी के एक स्त्रोत से सिंचित क्षत्रों में ज्यादा बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने यह भी कहा कि, खेती के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली बेहद कीमती है. इसके जरिये समान जल स्रोत से ज्यादा से ज्यादा रकबे की सिंचाई करना संभव है.

इसके साथ ही सरकार व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए आवेदन करने वाले लोगों को लगभग 70 फीसद तक और किसान समूहों के सदस्यों को लगभग 85 फीसद तक जलाशय बनाने के लिए भी मदद कर रही है. 

ये भी पढ़ें: ड्रिप सिंचाई यानी टपक सिंचाई की संपूर्ण जानकारी 

सीएम मनोहर लाल खट्टर के मुताबिक 19 हजार 517 लाभार्थियों को करीब 179.39 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी गयी है. जिसमें से 58 हजार एकड़ जमीन पर ड्रिप, लमिनी स्प्रिंकलर और स्प्रिंकलर माइक्रो इरिगेशन सिस्टम के लिए दी गय है. 

इसके आलवा उन्होंने यह भी बताया कि, 54.90 करोड़ रूपये की राशि करीब 2 हकार 18 लाभार्थियों को और करीब 64 करोड़ की राशि दो हजार 584 लाभार्थियों को जल संचय करने के लिए दी गयी है. 

सीएम ने कहा कि, किसब जल संरक्षण कि योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाएं. बता दें की सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मिकाडा से जुड़े लाभार्थियों से सम्वाद किया. 

इसके अलावा उन्होंने कई लाभार्थियों से योजनाओं का फीडबैक भी लिया. जहां कई लाभार्थियों ने सरकार की इस योजना की जमकर तारीफ़ की. तो वहीं उन्होंने जल संरक्षण के लिए सरकार की कोशिशों को भी सराहा.